Friday, January 25, 2013

हसना आया ..

रोज रात में सोते वक़्त  एक ही प्रार्थना प्रभु से करती हूँ अब सुबह का सूरज मत दिखाना, मै बहुत थक गयी हूँ. गहरी निद्रा में सोना चाहती हूँ, In a deep slumber I want 2 sleep with peace   don't disturb me..पर जब नींद खुलती है अपने को जिन्दा पाती हूँ..' drink your cup alone , though it tastes as ur own blood n tears ' रात भर छटपट  करती , नींद को बुलाती रहती हूँ , मेरे अंतर की इस बेकली को देख वर्मा जी हरदम कहा करते थे . बीमारी में भी तो तुम चैन से रहो. ,चैन से बैठो..मै  कहती  पता नही  मै अपनी चिता  पर भी स्थिर रह पाउंगी या नही  ?..घंटों अर्थी पर पड़ी, फिर लकड़ी,घी पूजा पाठ....आज तक मै इतनी देर में एक जगह स्थिर नही रह पायी  तो फिर ...ना ना आप मुझे इलेक्ट्रिक में  जल्दी जला देंगे..नही  तो मै उठ कर चल दूंगी....वे खुद चले गए ..कभी खुद पे कभी हालात  पे हसना आया   .............

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