सबों के अपने अपने किस्से हैं ,
बहाने भी अपने हैं...ये ज़िन्दगी के हिस्से हैं
सावन ऑंखें चुपचाप कहती जाती कितनी बातें
कितनी सौगातें , कितने खुशियों के पल
एक दिन हम न होंगे, बातें सारी यूँ ही रह जाएगी '
बीते दिन याद दिलाएगी …
ये सांसों का खेला है बस। .
सब कुछ तो है पर तेरे बिन मन अकेला है…
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