ज़िन्दगी से शिकायत करूँ तो नही ,किस ख़ुशी में रहूँ कुछ कहो तो जरा
कौन सुरभित सुमन की प्रशंसा करूँ
कौन सा चाँद देखूं व्यथा -व्योम में
कौन सा पथ चलूँ ,कौन मंजिल चुनु
कौन दीपक जलाऊं तिमिर तम में
ये सही है कि मेरी व्यथा कुछ नही , दो घडी दर्द मेरा सहो तो जरा.......
Zindagi se shikayt karun to nhi ,kis khushi me rahun kuchh karo to jara
Koun surbhit suman ki prashansa karun , kon sa chand dekhun vytha vyom me
kon sa path chalun , kon manzil chunu , kon dipak jalaun timir tm me
ye sahi hai ki meri vyatha kuchh nhi , do ghadi dard mera saho to zara..........
वाह उम्दा पंक्तिया गहन भाव
ReplyDeleteअरुन शर्मा - www.arunsblog.in
ये सही है कि मेरी व्यथा कुछ नही , दो घडी दर्द मेरा सहो तो जरा.......
BAHUT DHANYWAD ARUN....
ReplyDeleteये सही है कि मेरी व्यथा कुछ नही , दो घडी दर्द मेरा सहो तो जरा.......
ReplyDelete....बिलकुल सच...बहुत सुंदर भावपूर्ण अभिव्यक्ति...
Apne anubhut kiya....kaise aupcharik dhanywad dun is anubhuti ke liye......??????????
ReplyDeletesuprabhat...