प्रेम और विश्वास से भरे रिश्ते बड़े ही नाज़ुक होते है, टूटते हैं
फिर जुटते हैं तो एक पलस्तर लगे हुए..
रिश्ते निभाते कभी रास्ते बदल जाते हैं फिर रास्ते पे चलते कोई गैर
क्यों अपने से हो जाते हैं
धड़कने कभी अपनों की दिल में रहती थी पर
हर कोई क्यों कभी पत्थर से हो जाते हैं
हर कोई क्यों कभी पत्थर से हो जाते हैं
ReplyDeleteaham sawaal hai