प्रेम और विश्वास से भरे रिश्ते बड़े ही नाज़ुक होते है, टूटते हैं
फिर जुटते हैं तो एक पलस्तर लगे हुए..
रिश्ते निभाते कभी रास्ते बदल जाते हैं फिर रास्ते पे चलते कोई गैर
क्यों अपने से हो जाते हैं
धड़कने कभी अपनों की दिल में रहती थी पर
हर कोई क्यों कभी पत्थर से हो जाते हैं
फिर जुटते हैं तो एक पलस्तर लगे हुए..
रिश्ते निभाते कभी रास्ते बदल जाते हैं फिर रास्ते पे चलते कोई गैर
क्यों अपने से हो जाते हैं
धड़कने कभी अपनों की दिल में रहती थी पर
हर कोई क्यों कभी पत्थर से हो जाते हैं
बड़े मुश्किल सवालात हैं ये.......
ReplyDeleteज़िन्दगी खुद देती है जवाब....आहिस्ता आहिस्ता....
अनु
jabab ki talash me zindagi chukti jati hai aahista aahista
Deleteparesaa nzre khojti rahti hai KUCHH ahista ahista...
LV U ANU.