जिंदगी ले आई है मुझे किस मोड़ पर होठ हँसते हैं , पर हंसने की अब ताकत नही
आपको देखा ,आपको समझा ,कहीं ये खुदा की इबादत तो नही। ।
कहीं आपकी भी ये हालत तो नही
होठ कुछ कहना चाह कर भी
काँप के रह जाते हैं
आप समझ लेना इसे मेरी आदत नही। .
साथ आपका कुछ नही अपने को बस भूलना है
क्या ताजिन्दगी की मेरी ये दौलत नही ……???
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