खून के रिश्ते हथेली की उँगलियों की तरह होते हैं
अपने आप में निर्बंध
स्वछन्द।
अपने अपने आकाश
अपने अपने आकाश
अपने ही संसार
किन्तु
किन्तु
जब किसी पर कोई विपत्ति
कोई प्रहार होता है
सारी उँगलियाँ मुट्ठी बन सशक्त हो जाती है
सभी एक हो जाते हैं
ये खुशबू होती है रिश्तों में …।
,Khoon ke rishte hatth ki ungliyon ki tarah hote hain ,apne aap me nirbndh, swachchhnd, / apne apne akash, apne hi sansar . / kintu ,jb kisi pr koi vipatti, prahar hote hain to ,sari ungliyan muthhi bn sashkt ho jati hai / sbhi ek ho jate hain ..ye khushboo hoti hai rishto ki..
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