सब अपनी अपनी कह जाते
अपनी धुन ,अपने गम में रह जाते
मै चुप रह जाती हूँ
कुछ बोलूं तो वो समझ नही पाते
ना बोलूं तो कुछ और समझ जाते
जी रही , पर जिंदा नही हूँ
साँसे लेती पर प्राण नही है .....
Sab apni apni kah jate / apni dhun apne gmm me rah jate / mai chup rah jati / kuchh bolun to ve samjh nhi pate / na bolun to kuchh aur samjh jate / ji rahi pr jinda nhi hun / sanse leti pr pran nhi hai ...